jal – Übersetzung – Keybot-Wörterbuch

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Beautiful Murty of our beloved GuruMaharaj’s was unveiled and GURU Murty Abhishek was done with Milk, Honey, Curd, Sindhoor, Ganga jal and Rose water along with Mantra Chanting and Prayers by all the devotees.
लागोस नाइजीरिया के मध्य विक्टोरिया द्वीपसमूह नामक स्थान पर स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर भारत और अन्य देशों के विभिन्न भागों से आने वाले आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। दुनिया के विभिन्न भागों से कई संत एवं गुरुओं ने हमारे प्रिय गुरुजी के मंदिर का दौरा किया है और अपना आभार व्यक्त करते हुए मानव जाति के लिए स्नेह एवं हिन्दु संस्कृति के लिए महान् सम्मान एवं आदर प्रकट किया है। लक्ष्मी नारायण मंदिर में श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार ७ दिसंबर २०१२ को लागोस, नाइजीरिया में गुरु गद्दी परिसर में आदरणीय गुरुजी की मूर्ति स्थापना के साथ समाप्त हुआ। गुरुजी की मूर्ति को गोबिन्द भाई के मार्गदर्शन में हमारे मंदिर स्थित गुरु गद्दी लागोस के अंतर्गत सुंदर संगमरमर के चबूतरे पर स्थापित किया गया एवं गुरुजी के आशीर्वाद से यह पूरा कार्य निर्विघ्न बड़ी ही सरलता से संपन्न हो गया। मूर्ति स्थापना कार्यक्रम का शुभारंभ हरेश केशवानी जी एवं पूनम जी द्वारा नवग्रह पूजा के साथ हुए जिसके पश्चात हवन किया गया। प्रिय गुरुजी की सुंदर प्रतिमा का अनावरण किया गया एवं प्रतिमा का अभिषेक दूध, शहद, दही, सिंदूर, गंगाजल, गुलाबजल के साथ-साथ मंत्र जप एवं भक्तों द्वारा प्रार्थना करते हुए किया गया।हम सभी ने गुरुजी की अविश्वसनीय एवं अद्भुत कृपा के साक्षी रहे क्योंकि गुरुजी की मूर्ति एकदम जीवंत प्रतीत हो रही थी। सभी भक्तों के भीतर गुरुजी की झलक पाने के लिए बहुत उत्साह था क्योंकि काफी लंबे समय से उत्सुकतापूर्वक वे इस पल के लिए इंतजार कर रहे थे। शब्दों के द्वारा उस उत्साह, संतुष्टि, संपूर्णता की भावना को व्यक्तनहीं किया जा सकता ऐसा लग रहा था कि मानो सपना साकार हो गया हो। भक्तों की आंखों में खुशी के आंसू दिखाई दे रहे थे। यह सब गुरुजी के प्रति स्नेह था जिन्होंने हमें रास्ता दिखाया है। संपूर्ण वातावरण उल्लासित था एवं ऐसा महसूस हो राह था जैसे कि गुरुजी स्वयं चलकर मंदिर में आ गए हों। हालांकि हम जानते हैं कि वे सर्वत्र मौजूद हैं। हम धन्य हैं एवं हमारे प्रिय स्वामी जी जगद्गुरु पुरुषोत्रमाचार्य जी के नजरिये एवं समर्पण का आभार व्यक्त करना चाहते हैं जिन्होंने लागोस के सभी भक्तों के लिए इस पावन दिवस को संभव बनाया।